महाजनपदकालीन भारत एवं मगध साम्राज्य ( Mahajanapadas in Hindi)
प्रारम्भ में लोग कबीले के रूप में निवास करते थे । जन समूह या कबीला जितने भू-भाग पर रहता था, वह भाग जनपद कहलाया । यह वैदिक काल की राजनैतिक इकाई थी ।
इन जनपदों की अपनी शासन और कानून व्यवस्था होती थी । इनमें से कुछ जनपद राजतंत्रात्मक थे व कुछ जनपद गणतंत्रात्मक थे ।
महाजनपद (Mahajanapadas )
करीब 2500 साल पहले , कुछ जनपद अधिक महत्वपूर्ण हो गए । ऐसे महत्वपूर्ण एवं बड़े जनपदों ने छोटे जनपदों को अपने राज्य में मिला लिया ।इस प्रकार महाजनपद बन गए। प्रत्येक महाजनपद की अपनी-अपनी राजधानियां होती थी । कई राजधानियों में किलेबंदी भी की गई थी ।
महाजनपद के शासक नियमित सेना रखने लगे थी । सिपाहियों को वेतन देकर पूरे साल रखा जाता था । कुछ भुगतान सम्भवत: आहत सिक्कों के रूप में होता था । इन महाजनपदों की संख्या 16 थी ।
16 महाजनपदों की सर्वप्रथम जानकारी बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में मिलती है ।
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